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पर्सनल लोन कैसे लें और इसके लिए कौन से दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है

आप विदेश जाने या मनमाफ़िक शादी करने की योजना बना रहे हैं? अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन का इस्तेमाल करें। पर्सनल लोन में आमतौर पर कोलैटरल या सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है और पुनर्भुगतान की अवधि भी सुविधानुसार होती है। यहां पर पर्सनल लोन लेने के छह चरण बताए गए हैं। हम आपको ज़रूरत की सभी जानकारी देंगे कि इसके लिए किन पेपर की जरूरत होगी और पर्सनल लोन के लिए कैसे आवेदन करें के जवाब भी शामिल हैं: स्टेप 1: तय कीजिए कि आपको क्या चाहिए पर्सनल लोन से जुड़ी अपनी जरूरतों और जरूरत की राशि का निर्धारण, यानी असेसमेंट कीजिए। हो सकता है कि आपको अपनी शादी या घर की मरम्मत के लिए लोन की ज़रूरत पड़े। स्टेप 2: अपनी योग्यता यानी एबिलिटी का सत्यापन यानी वेरिफिकेशन करें एक बार जब आप अपनी जरूरतों को जान लेते हैं तो अपनी योग्यता का निर्धारण करें। उधार के तौर पर आपको कितना पर्सनल लोन मिल सकता है, यह जानने के लिए लोन देने वाली कंपनी की वेबसाइट पर जाएं और पर्सनल लोन एलिजिबिलिटी कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें। स्टेप 3: अपनी क्रेडिट रिपोर्ट का वेरिफिकेशन करें (Step 3: Verify your credit report) आप लोन का भुगतान कर सकते हैं या नहीं, यह देखने के लिए लोन देने वाली कंपनी आपकी क्रेडिट चेक करती है। भले ही इंटरनेट पर लोन देने वाली कुछ कंपनियां क्रेडिट की वैकल्पिक जानकारी लेने लगी है, लेकिन इसके बावजूद आमतौर पर वे आपके क्रेडिट स्कोर ही देखती हैं। आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए। आम तौर पर 580 और 669 के बीच के स्कोर को अच्छा माना जाता है। हालांकि अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा या बेहतरीन या 670 से ऊपर है तो आपके पास उचित ब्याज दर के साथ लोन पाने का सबसे अच्छा मौका होगा। किसी वजह से आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो भी आपको लोन मिल सकता है। अगर आप लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं और अगर आपको लगता है कि ब्याज दर और फीस बहुत ज्यादा है तो आपको अपनी क्रेडिट हिस्ट्री पर पहले काम करना होगा। स्टेप 4: ईएमआई के बारे में जानें अगर आप अंदाजा लगाना चाहते हैं कि आपको लोन पर हर महीने कितना भुगतान करना होगा, तो इसके लिए आप ईएमआई कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं। पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर जैसे टूल का इस्तेमाल करके, आप लोन की ब्याज दर और अवधि को अपने बजट के हिसाब से समायोजित कर सकते हैं। आजकल की वित्तीय संस्थाएं, यानी फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स किफ़ायती मासिक भुगतान पर पर्सनल लोन देती हैं। स्टेप-5 बैंक जाएं ऑफ़लाइन डॉक्यूमेंटेशन के लिए आप बैंक शाखा जा सकते हैं। बैंक से पर्सनल लोन नेटबैंकिंग सहित कई दूसरे माध्यमों से भी लिया जा सकता है। स्टेप 6: ज़रूरी कागज जमा करें इस बात को ध्यान में रखें कि पर्सनल लोन पाने के लिए किन कागजों की जरूरत होती है। आमतौर पर आपको अपनी पहचान, निवास और आय (जैसे पे स्लिप, बैंक स्टेटमेंट या टैक्स रिटर्न) का प्रमाण देने की जरूरत होती है। बैंक को अपने पर्सनल लोन के पेपर की डुप्लीकेट कॉपी दें। खाते में पैसे आने का धैर्य के साथ इंतजार करें। स्वीकृत लोन आमतौर पर कुछ सेकंड में ही ग्राहकों को जारी कर दिए जाते हैं और जो आवेदनकर्ता, यानी एप्लिकेंट उस बैंक के ग्राहक नहीं है उन्हें लोन पाने में कुछ घंटे लग जाते हैं। बस, इतना ही! सिर्फ छह साधारण स्टेप में आप अपना पर्सनल लोन पा सकते हैं। तो आप किस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं? आज ही पर्सनल लोन लें! अलग-अलग ब्याज दर पर पर्सनल लोन उपलब्ध हैं। आपके लोन के लिए ब्याज दर क्या होगी, यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और आपके लिए इसके पुनर्भुगतान की अवधि सहित कुछ फैक्टर के आधार पर निर्धारित की जाएगी। अगर आपके पास मजबूत क्रेडिट स्कोर और उधार देने वाले संस्थान के साथ काम से जुड़े अच्छे संबंध हैं तो पर्सनल लोन की ब्याज दर कम की जा सकती है। आपको पर्सनल लोन की जरूरत क्यों पड़ सकती है? प्राइवेट लोन किन वजहों से लिया जाता है? पर्सनल लोन को इस्तेमाल करने को लेकर कुछ प्रतिबंध, यानी रिस्ट्रिक्शन हैं क्योंकि इसमें कार या होम लोन की तरह कोलैटरल की जरूरत नहीं होती है। कर्ज का मिलान (चाहे अन्य लोन या क्रेडिट कार्ड से), बड़ी खरीदारी जिसमें बड़ी राशि की जरूरत हो और आपात स्थिति सहित इसमें संभावित ऐप्लिकेशनों की विस्तृत श्रृंखला, यानी वाइड रेंज है। इसका उपयोग सट्टेबाजी के बाजार में जुए या स्टॉक खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है। पर्सनल लोन का इस्तेमाल शिक्षा और यात्रा पर होने वाले अनपेक्षित खर्च और फर्नीचर, ऑटोमोबाइल और होम अप्लाएंसेस जैसी बड़ी खरीदारी को कवर करने के लिए किया जाता है। अगर पर्सनल लोन पर लगी ब्याज की दर कार लोन की तुलना में कम है, तो इसका इस्तेमाल वाहन खरीदने में किया जा सकता है। इसलिए पर्सनल लोन प्रत्याशित और अप्रत्याशित सहित कई कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। पर्सनल लोन के लिए जरूरी दस्तावेज पर्सनल लोन के लिए मंजूरी लेनी है, तो आपको कुछ दस्तावेज देने होंगे जिनकी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को अक्सर जरूरत होती है। लोन देने वाली अलग-अलग कंपनियों की ज़रूरत के हिसाब से आपको दस्तावेज़ देने पड़ सकते हैं। उधार देने वाले संस्थान आपके आवेदन जमा करने के बाद अतिरिक्त पेपर जमा करने के लिए कह सकते हैं। आपको सहयोगी दस्तावेज जैसे ड्राइवर लाइसेंस, लेटेस्ट पे स्लिप या निवास प्रमाणपत्र की कॉपी जमा करने के लिए कहा जा सकता है। अगर आपके लिए अतिरिक्त पेपर की जरूरत होती ही तो लोन देने वाली कंपनी आपको बताएगी कि क्या और किसको भेजना है। जितनी जल्दी आप जानकारी देंगे, निर्णय भी उतनी ही जल्दी आएगा। अगर ज्यादा जानकारी की जरूरत है तो आवेदन की प्रक्रिया, यानी एप्लीकेशन प्रोसेस में इसे देने के लिए तैयार रहिए। आवेदन प्रक्रिया तेज करने के लिए आप डब्लू-2एस, सैलरी स्लिप, निवास प्रमाणपत्र, ड्राइवर लाइसेंस और अन्य जरूरी दस्तावेजों को साथ में रख सकते हैं। लोन देने वाली कंपनी की ओर से जल्दी निर्णय लेने के लिए यह जरूरी है कि सभी जरूरी दस्तावेजों को जल्द से जल्द जमा किया जाए। पर्सनल लोन के लिए आपको निम्न दस्तावेजों की जरूरत होगी: जरूरत वेतनभोगी यानी सैलरीड व्यक्ति खुद का रोजगार पहचान प्रमाणपत्र पासपोर्ट, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड पासपोर्ट, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड निवास का प्रमाण पासपोर्ट या यूटिलिटी बिल पासपोर्ट या यूटिलिटी बिल आय का प्रमाण पिछले 2 साल के लिए सैलरी अकाउंट का बैंक स्टेटमेंट मौजूदा और पिछले साल का ऑडिट किया हुआ फाइनेंशियल स्टेटमेंट एनआरआई आवेदक के लिए पर्सनल लोन मंजूर करने के लिए लोन देने वाली कंपनी को ये दस्तावेज जमा करने होंगे: · वीजा और पासपोर्ट की फोटोकॉपी · एचआर डिपार्टमेंट या आपका आधिकारिक ईमेल आईडी · पे स्लिप और पे सर्टिफिकेट · छह महीने की एनआरओ/एनआरईअकाउंट एक्टिविटी दिखाने वाले दस्तावेज। · व्यक्तिगत, निवास, आय औ आपकी संपत्ति के दस्तावेज। · पासपोर्ट साइज़ में पिछले साल खींची हुईं आप और आपके गारंटर की तस्वीरें । निष्कर्ष पर्सनल लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं? पीरामल फायनांस से संपर्क करके आप अभी शुरू कर सकते हैं। चुनाव करने के लिए कई ऋणदाता मौजूद हैं इसलिए सही पर्सनल लोन प्रोडक्ट ढूंढना कठिन हो सकता है। पीरामल फायनांस के साथ जुड़ें और हमारे एक्सपर्ट आपको कुछ ही पहलों में सबसे अच्छी ब्याज दरों के साथ पर्सनल लोन दिलाने में मदद करेंगे।

24-06-2024

क्रेडिट स्कोर कम होने के बावजूद पर्सनल लोन पाना

क्रेडिट स्कोर क्या होता है? पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट स्कोर दिखाता है कि आपको लोन दिया जाना चाहिए या नही। रेटिंग की गणना, यानी कैलकुलेशन करने के लिए क्रेडिट स्कोर सात तथ्यों, यानी फैक्ट्स पर ध्यान देता है: भुगतान का इतिहास, मौजूदा कर्ज, संपत्ति, लायबिलिटी, आय का स्तर यानी इनकम लेवल, रोजगार की स्थिति, शिक्षा का स्तर। स्कोर जितना ज्यादा होगा, उतना अच्छा होगा। जब आप बैंक या फाइनेंस कंपनी के माध्यम से लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो इस डाटाबेस के आधार पर आपके क्रेडिट के इतिहास की जांच की जाती है। इस जांच से यह देखा जाता है कि आपको मिनिमम जोखिम के साथ उच्च-स्तरीय लोन दिया जा सकता है या नहीं। अगर आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर नहीं है या आपके मौजूदा कर्ज आपकी संपत्ति से ज्यादा हैं, तो आपको कम लोन का ऑफर दिया जा सकता है या फिर लोन देने से मना भी किया जा सकता है। अपने क्रेडिट स्कोर को जानने से आपको सबसे अच्छी दरों के साथ सही पर्सनल लोन पाने में मदद मिल सकती है। क्या कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है? हां, कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है। जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो लोन देने वाली कंपनी आपकी फाइनेंसियल स्थिति, यानी फाइनेंसियल कंडीशन और क्रेडिट रेटिंग पर ध्यान देती है। अगर आपके ऊपर बहुत कर्ज है या आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब है तो पर्सनल लोन की मंजूरी मिलना कठिन हो सकता है। हालांकि, अभी भी लोन देने वाली कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो खास योग्यता पूरी करने वाले लोगों को लो-क्रेडिट लोन ऑफर करते हैं। यहां कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं जिनके साथ कम क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद पर्सनल लोन पाया जा सकता है: स्थाई आय यानी स्टेबल इनकम का प्रमाण दें स्थाई आय का प्रमाण एक बहुत जरूरी फैक्टर है जिस पर लोनदाता पर्सनल लोन पर विचार करते हुए ध्यान देते हैं। इसे दिखाने का सबसे अच्छा तरीका सक्रिय और आवर्ती आय का प्रमाण देना है। यह बैंक स्टेटमेंट, पे स्लिप या ऐसे अन्य दस्तावेज हो सकते हैं जिससे यह पता चलता हो कि आप खुद अपनी फाइनेंसियल मदद कर सकते हैं। अगर आपका मौजूदा क्रेडिट स्कोर इतना ज्यादा नहीं है कि रेगुलर लोन मिल सकें, तो आप लो-क्रेडिट लोन के योग्य हो सकते हैं। लो-क्रेडिट लोन को खासतौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है या है ही नहीं। इनमें रेगुलर लोन के मुकाबले ब्याज दर और पुनर्भुगतान की अवधि कम होती है जिसके चलते यह ज्यादा किफायती ऑप्शन बन जाता है। सह-आवेदक यानी को-एप्लिकेंट के तौर पर जॉइंट लोन के लिए अप्लाई अगर लो क्रेडिट स्कोर के साथ आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो सह-आवेदक के तौर पर ऐसा करना प्रभावी हो सकता है। जॉइंट लोन लेना, आवेदक के लिए खासतौर पर फायदेमंद होता है क्योंकि इनमें कम दस्तावेजों की जरूरत होती है और आमतौर पर मंजूरी से पहले की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है। इसके साथ ही अक्सर जॉइंट लोन में पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज दर मिलती है। जॉइंट लोन के लिए अप्लाई करते हुए कुछ फैक्टर पर ध्यान देने की जरूरत होती है, इसलिए अपनी स्थिति के बारे में सलाहकार से जरूर बात करें। जॉइंट लोन मंजूर कराना आमतौर पर आसान होता है क्योंकि लोन की शर्तों पर दोनों पार्टी के बीच बातचीत की गई होती है। इसका मतलब है कि पर्सनल लोन के लिए आपका क्रेडिट स्कोर मंजूरी की प्रक्रिया में बड़ी भूमिका नहीं निभाएगा। अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की गलतियों का समाधान करें पर्सनल लोन का अप्लाई करते हुए क्रेडिट रिपोर्ट एक सबसे जरूरी फैक्टर है। इसलिए, अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई भी त्रुटि या गलती है जिनको सुधारा जाना है, तो आपको ऐसा जल्द से जल्द कर लेना चाहिए। क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार करने के कुछ खास तरीके हैं और इनमें सबकी अलग कीमत और समयावधि, यानी टाइम पीरियड है। हालांकि, कुछ सामान्य तरीकों में शामिल हैं: · टाइपो ठीक करना: इसमें कुछ मिनट ही लगते हैं और इसको ऑनलाइन या फोन के माध्यम से ही किया जा सकता है। · अशुद्धियों को ठीक करना: इस प्रक्रिया में ज्यादा समय (कुछ हफ्ते) लग सकता है और इसमें उस एजेंसी में भी जाना पड़ सकता है जहां मूल फाइल दाखिल की गई थी। · रिपोर्टिंग में छूट के लिए अप्लाई: इस ऑप्शन में ज्यादा पेपरवर्क (आमतौर पर 10 पन्ने) की जरूरत होती है लेकिन यह आपको अपनी रिपोर्ट में कुछ जानकारी ना देने की अनुमति दे सकता है (जैसे दिवालियापन) क्रेडिट रिपोर्ट में एनए या एनएच आमतौर पर एनए या एनएच क्रेडिट रिपोर्ट में न दिखने वाला फीचर होता है लेकिन यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का जरूरी हिस्सा हो सकता है। एनए का मतलब "नो अकाउंट," और एनएच का मतलब "नो हिस्टोरिकल हिट" होता है। यह शर्तें दिखाती हैं कि पैसे लोन लेकर या सेवाओं का इस्तेमाल करके आपने कभी भी लोनदाता के साथ लेन-देन किया है या नहीं। कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेने के कुछ निश्चित नियम हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका क्रेडिट स्कोर एक अकेला फैक्टर नहीं है जिस पर पर्सनल लोन मंजूर करते हुए लोनदाता ध्यान देते हैं। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और फिलहाल के कर्ज भी जरूरी फैक्टर हैं। कम राशि के लिए पूछें अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो अच्छा यह ही होगा कि पर्सनल लोन में छोटी राशि के लिए अनुरोध किया जाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको लोन दिया जाए या नहीं का निर्णय लेते हुए लोनदाता क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल एक फैक्टर के तौर पर करते हैं। जब आप छोटी राशि के लोन का अनुरोध करते हैं तो वह इसे देने में ऐतराज नहीं करते हैं क्योंकि इसमें बड़े लोन के अनुरोध की तुलना में जोखिम कम होता है। निष्कर्ष इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद, शायद आपको अहसास हुआ हो कि बिल्कुल सही कदम उठाते हुए कम क्रेडिट स्कोर के साथ भी पर्सनल लोन लेना संभव है। बिना किसी चिंता के लोन लेने के लिए ऊपर बताए गए टिप्स को ध्यान रखें। याद रखिए, हालांकि, यह लोन सबके लिए मौजूद नहीं है लेकिन यह आपकी फाइनेंसियल स्थिति पर निर्भर करता है। किसी भी बैंक या लोनदाता के पास अप्लाई करने से पहले अपनी योग्यता जांच लें. ऐसे और जानकारी भरे आर्टिकल पढ़ने के लिए, www.piramalfinance.com पर जाएँ.

24-06-2024

पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम यानी मिनिमम और अधिकतम यानी मैक्सिमम अवधि क्या होती है?

आपको पैसों की तुरंत जरूरत है लेकिन आपके पास राशि नहीं है? अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आपको सिर्फ पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने की जरूरत है। पर्सनल लोन के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आपको सिक्योरिटी या कोलैटरल के तौर पर कुछ भी नहीं रखना होता है, गोल्ड लोन से विपरीत जिसमें पैसों के लिए सोने को गिरवी रखना होता है। हालांकि, पर्सनल लोन के साथ आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे फीस, ब्याज दर और खास तौर पर लोन की न्यूनतम और अधिकतम अवधि जिसमें आपको लोन का रीपेमेंट करना होता है। इसलिए जब आप पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी की ओर से दिए जाने वाले सभी विकल्पों की जांच जरूर कर लें। इंस्टेंट पर्सनल लोन कितना भी लाभ देने वाला क्यों न हो लेकिन इन पर अच्छे से ध्यान न दिया जाए तो इसकी वजह से परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। तो चलिए विस्तृत तरह से जानते हैं कि पर्सनल लोन क्या है और पर्सनल लोन की न्यूनतम और अधिकतम अवधि क्या है। पर्सनल लोन क्या है? पर्सनल लोन लेना तब आसान होता है जब आपके पास राशि न हो और आपको इसकी तुरंत जरूरत हो। पैसों की जरूरत बड़ी होनी चाहिए। एक पर्सनल लोन किश्त वाले उधार का एक उदाहरण है, जहां आपको राशि एकमुश्त पेमेंट के तौर पर मिलती है। इस तरह के लोन व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए होते हैं। आप इसका इस्तेमाल मेडिकल खर्चों, शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय ट्रिप, शादी इत्यादि में कर सकते हैं। इसलिए पर्सनल लोन आपके लिए सबसे अच्छी पसंद है। आप पर्सनल लोन के लिए मौजूद लोन के सैकड़ों आसान विकल्पों में से चुनाव कर सकते हैं। इनमें से ज्यादातर के लिए आप 10 मिनट में आवेदन कर सकते हैं, इसके लिए लोन देने वाली ऑनलाइन कंपनियों को शुकिया कहा जाना चाहिए। लेकिन यहां पर एक दिक्कत है, लोन देने वाली कंपनी कितनी जल्दी आपके दस्तावेजों, यानी डाक्यूमेंट्स की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है, इसके आधार पर पर्सनल लोन की मंजूरी की प्रक्रिया में सिर्फ 1 कामकाजी सप्ताह, यानी वर्किंग वीक तक का समय लग सकता है। लोन देने वाली कंपनी के आधार पर पर्सनल लोन आमतौर पर 12 से 60 महीने तक होते हैं। लोन देने वाली कंपनियां दस्तावेजों या प्रशासनिक फीस के साथ ब्याज दरें वसूलते हैं। लोन की राशि स्वीकार हो जाने के बाद यह शुल्क उनमें से काट लिए जाते हैं। आगे बढ़ते हुए, हम पर्सनल लोन के रीपेमेंट की सबसे अच्छी अवधि के बारे में जानेंगे। पर्सनल लोन की अवधि लोन के पेमेंट की अवधि को लेकर उधार लेने वालों की प्रथमिकता होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने बड़ा लोन लिया है तो आपके पास उसको वापस करने का ज्यादा समय होता है और ईएमआई भी कम होती हैं। लेकिन आप लोन रीपेमेंट की कम अवधि के साथ लोन की कम राशि का चुनाव भी कर सकते हैं। यह बात सही है कि इसकी वजह से कुछ समय के लिए आपकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा लेकिन आपका लोन जल्दी खत्म हो जाता है। चलिए अब पर्सनल लोन की न्यूनतम और अधिकतम अवधि पर नजर डालते हैं: 1. इंस्टेंट पर्सनल की न्यूनतम अवधि जब आप पर्सनल लोन लेते हैं तो आपको अगले 30 दिन के अंदर और किश्तों में इसका पेमेंट करना शुरू कर देना चाहिए। लोन देने वाली कंपननियां लोन वापस करने के लिए 6 से 12 महीने का समय देती हैं। इसके बाद आप ली गई लोन राशि के मुताबिक इसका रीपेमेंट कर स्सकते हैं। लोन देने वाली अलग-अलग कंपनियों के लिए न्यूनतम अवधि भी अलग-अलग होती है। अगर आपकी आमदनी ज्यादा है तो आप अपने लोन का रीपेमेंट जल्दी कर पाएंगे। 2. इंस्टेंट पर्सनल लोन की अधिकतम अवधि पर्सनल लोन की अधिकतम अवधि 42 महीने से 60 महीने होती है जो लोन देने वाली कंपनी की ओर से दी जाती है। यह अवधि हर लोन देने वाली कंपनी में अलग-अलग होती है। उधार लेने वाला 42 महीने की अवधि में छोटी ईएमआई के माध्यम से पेमेंट कर लेता है इसलिए मंथली बजट और आमदनी पर दबाव नहीं पड़ता है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन होता है जिनकी आमदनी कम है और उनकी अन्य आर्थिक जिम्मेदारियां भी हैं। सही अवधि का चुनाव अवधि का निर्णय लेना पर्सनल लोन से जुड़ी सबसे जरूरी चीजों में से एक है। याद रखिए, अगर लोन की अवधि ज्यादा है तो ईएमआई का मंथली पेमेंट भी कम होगा। बड़ी ईएमआई की लागत के साथ छोटी शर्तें जुड़ी होती है लेकिन आपके लोन का पेमेंट जल्दी हो जाता है। आगर आपके पास थोड़े समय के लिए पैसों से जुड़ी समस्या है तो आपका बैंक लोन की अवधि को बढ़ाकर मंथली ईएमआई पेमेंट के दबाव को कम कर सकता है। लेकिन लंबी अवधि के लोन में ब्याज का पेमेंट ज्यादा करना होता है, जिसके चलते उधार ली गई मूल राशि की लागत बढ़ जाती है। आपके लोन की अवधि का निर्णय कई फैक्टर करते हैं इसकी शुरुआत उधार ली जाने वाली राशि से होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपका लोन छोटा है तो लंबी अवधि का चुनाव सही नहीं होगा जैसे आपके मंथली वेतन का दोगुना। अगर लोन की राशि आपके मंथली वेतन के 4 गुना से ज्यादा है तो लंबी अवधि का लोन अच्छा रहेगा। इससे आपका मंथली रीपेमेंट कम होगा और छोटे शुल्क के साथ अप्प अपना लोन पहले ही बंद भी कर पाएंगे। लेकिन आपकी सैलरी ज्यादा है और आप ज्यादा बचत कर पाते हैं तो आप कम अवधि के लोन का चुनाव करके समय के साथ ज्यादा ब्याज देने से बच सकते हैं। आखिर में अब जब आप पर्सनल लोन की न्यूनतम और अधितकम अवधि के बारे में जान चुके हैं तो आप यह भी समझ गए होंगे कि इंस्टेंट पर्सनल लोन के रीपेमेंट की अवधि का आपकी राशि और आय पर क्या असर हो सकता है। इसके बाद भी आप लोन पूरा करने की कम और ज्यादा अवधि के बीच चुनाव नहीं कर पा रहे हैं तो पिरामल फायनांस से संपर्क करें। ग्राहक को भगवान मानने वाले पिरामल फायनांस में इस प्रक्रिया के दौरान आपकी मदद की जाएगी। ऐसे और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए अभी https://www.piramalfinance.com/ पर जाएं!

24-06-2024

क्या 550-600 के क्रेडिट स्कोर के साथ आपको पर्सनल लोन मिल सकता है?

पर्सनल लोन या किसी और तरह का लोन लेने के लिए आपको ऊंचे क्रेडिट स्कोर की जरूरत होती है। ऊंचे क्रेडिट स्कोर का मतलब पुनर्भुगतान का मजबूत इतिहास और विश्वसनीयता, यानी लायबिलिटी होती है। 750 या इससे ऊंचे क्रेडिट स्कोर के साथ ना सिर्फ आपको जल्दी लोन मिलता है, बल्कि सुविधानुसार शर्तों और परिस्थितियों, यानी कंडीशंस का लाभ भी मिल जाता है। मेडिकल बिल, आनन-फानन में बनी छुट्टियों की योजना या अचानक होने वाले ऐसे ही अन्य खर्चों को कवर करने के लिए, आप असुरक्षित पर्सनल लोन का चुनाव कर सकते हैं। आय, क्रेडिट स्कोर जैसे फैक्टर से तय होता है कि आपको लोन दिया जाना चाहिए या नहीं। क्रेडिट स्कोर अगर खराब है तब भी भारत में आपको तुरंत लोन मिल सकता है। दिक्कत यह है कि ऊंचा क्रेडिट स्कोर लेना या बनाए रखना आसान नहीं है। कम क्रेडिट स्कोर आर्थिक कठिनाइयों या गैर जिम्मेदारी से पैसे के इस्तेमाल का नतीजा भी हो सकता है। 550-600 क्रेडिट स्कोर के लिए पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन की मांग खूब होती है क्योंकि इसमें बैंक को बहुत कम सिक्योरिटी देनी होती है। इसके साथ, किसी को भी यह लोन बहुत जल्दी मिल सकते हैं क्योंकि यह अनसिक्योर्ड लोन हैं। इसलिए, ब्याज की दर ऊंची होती है और योग्यता मानदंड, यानी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होम लोन और ऑटो लोन जैसे सिक्योर्ड लोन की तुलना में सख्त होते हैं। पर्सनल लोन की मंजूरी के लिए आमतौर 750 के न्यूनतम क्रेडिट स्कोर की जरूरत होती है। हालांकि, लोन देने वाली कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं जो 600 से ऊपर के क्रेडिट स्कोर पर भी पर्सनल लोन दे देती हैं। अगला सवाल यह है कि भारत में 600 के क्रेडिट स्कोर पर पर्सनल लोन मिल सकता है या नहीं। यह कठिन होगा। आपको लोन देने वाली ऐसी कंपनियां भी मिल जाएंगे जो 550 के क्रेडिट स्कोर पर भी पर्सनल लोन देती हैं, लेकिन इसमें शर्तें और परिस्थितियां सुविधाजनक नहीं होंगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोन देने वाली कंपनियों को ऐसे उधार लेने वालों की पुनर्भुगतान योग्यता, यानी रीपेमेंट एलिजिबिलिटी पर पूरा भरोसा नहीं होता। इसलिए, वह लोन देने से बचती हैं। अगर लोन पास हो जाता है तो ब्याज दर काफी ऊंची होगी। हो सकता है कि यह 40% सालाना से भी ऊपर हो। साथ ही, पुनर्भुगतान की अवधि भी कम होगी। इसके साथ अप लोन की ज्यादा राशि की अपेक्षा भी ना करें। लो क्रेडिट स्कोर के लिए पर्सनल लोन काम और आय, यानी इनकम के अतिरिक्त, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री लोन की मंजूरी में भी बड़ा रोल निभाती है। अगर आपके पास क्रेडिट स्कोर कम है, तो आपके पर्सनल लोन की मंजूरी की संभावना भी कम होगी लेकिन यह पूरी तरह से कम नहीं होगी। यह रिपोर्ट आपके आर्थिक इतिहास, यानी फायनांशियल हिस्ट्री पर नजर डालती है। अच्छा क्रेडिट रिकॉर्ड एक अच्छे आर्थिक व्यवहार और संभावित उधारकर्ता के तौर पर जोखिम की कमी को दिखाता है। कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन की मंजूरी कैसे पाएं कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। आप 550 और यहां तक कि 500 के बेहद कम क्रेडिट स्कोर के लिए भी पर्सनल लोन ले सकते हैं। अगर आपको पर्सनल लोन की जरूरत है, लेकिन आपके पास क्रेडिट स्कोर कम है, तो यहां पर कुछ विकल्प दिए गए हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए: लोन की छोटी राशि के लिए अनुरोध लोन देने वाली कुछ कंपनियां लोनदाता छोटी राशि के लिए लोन मंजूर करने को तैयार हो सकती हैं। हालांकि लोन की ज्यादा राशि के साथ लोनदाता का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, अगर आपका क्रेडिट स्कोर सही नहीं है, तो मामूली लोन के लिए आवेदन कीजिए। इससे मंजूरी आसान हो सकती है। देखिए आपका क्रेडिट स्कोर कितना कम है क्रेडिट रिपोर्ट हमेशा सही नहीं होती है। इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है। गलती पकड़ने और उसे सही करने के लिए क्रेडिट स्कोर की नियमित जांच जरूरी है। आप क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर क्रेडिट स्कोर को ऑनलाइन भी जांच सकते हैं। सह-आवेदक यानी को-एप्लिकेंट के तौर पर आवेदन करें अगर अच्छे क्रेडिट स्कोर वाला सह-आवेदक साथ हो तो खराब क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को भी लोन मिल सकता है। डिफॉल्ट की स्थिति में सह-आवेदक लोन का भुगतान करता है। आप सुविधाजनक पुनर्भुगतान शर्तों के साथ इस तरह पर्सनल लोन ले सकते हैं। आय प्रमाण पत्र यानी सर्टिफिकेट दीजिए लोन का भुगतान करने की योग्यता आपकी मासिक आय के अनुपात में होती है क्योंकि बैंक या लोनदाता लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के आय के माध्यम को जांचते हैं। इसलिए अत्यधिक भुगतान वाला काम होने पर आयकर का दूसरा माध्यम या नियमित राशि का आना लोन आवेदक की मंजूरी की संभावना को बढ़ा देता है। ज्यादातर बार, लोन चुकाने का आर्थिक माध्यम मासिक भुगतान राशि की तुलना में उधारकर्ता की आय से करने का एक साधारण तरीका है। इसलिए लो क्रेडिट स्कोर के साथ भी पर्सनल लोन को मंजूरी मिल जाना संभव है। निष्कर्ष लोन के लिए आवेदन करते हुए आपको मन में रखना चाहिए कि बैंक 500 से 600 के बीच के क्रेडिट स्कोर को खराब मानते हैं। लोन देने वाली चुनिंदा कंपनियां ही हैं जो इतने कम क्रेडिट स्कोर के साथ आपको लोन देंगी। इसके साथ ही अगर आपको लोन मिल जाता है तो आपका क्रेडिट स्कोर पर्सनल लोन पर भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर असर डाल सकता है। अब आप 600 या इससे बेहतर क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेने के लिए अपनी जानकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अक्सर अपना क्रेडिट स्कोर जांच कर, आप जल्द कार्रवाई कर सकते हैं, जिससे आपका स्कोर बेहतर होने में मदद मिलेगी। क्रेडिट और लोन देने वाली हर कंपनी की वेबसाइट आपका क्रेडिट स्कोर दिखाती हैं। पिरामल फाइनेंस वित्तीय स्थिति की निगरानी और उसे बढ़ाने के लिए विभिन्न आर्थिक विकल्प और टूल आपको देते हैं। ऐसे जानकारी भरे आर्टिकल पढ़ने के लिए www.piramalfinance पर अभी जाएं।

24-06-2024

आपके पर्सनल लोन पर कौन से शुल्क लागू होते हैं?

पर्सनल लोन आपके बाकी सभी लोन को समेकित करने, घर की मरम्मत करने, कॉलेज के लिए भुगतान करने, या एक नया व्यवसाय शुरू करने का एक बेहतरीन तरीका है। लेकिन इसके साथ कुछ अतिरिक्त शुल्क भी आते हैं, जिनके बारे में आपको आवेदन करने से पहले पता होना चाहिए। लोन देने वाली कुछ कंपनियां पर्सनल लोन के शुल्कों और उन्हें आपके खाते में जोड़ने के तरीकों के बारे में खुल कर बात करती हैं, जबकि कुछ कंपनियां ऐसा नहीं करती। यह तय करने के लिए कि क्या वे आपके लिए सही हैं, आपको इनमें से किसी भी शुल्क के बारे में लोन देने वाली कंपनी से पूछना चाहिए। पर्सनल लोन क्या है? पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप अपने भुगतानों में चूक करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी के पास कोई कोलैटरल नहीं होता। पर्सनल लोन का इस्तेमाल लोगों द्वारा शिक्षा, गृह सुधार और लोन को समेकित करने जैसी कई चीजों के भुगतान के लिए किया जाता है। इस तरह के लोन में आमतौर पर अन्य लोन की तुलना में ज्यादा ब्याज दरें होती हैं क्योंकि इसे उच्च जोखिम वाला क्रेडिट माना जाता है जिसमें उधार लेने वाले से कोई कोलैटरल शामिल नहीं होता है। हालांकि, अगर आपके पास एक अच्छा क्रेडिट स्कोर या अन्य कारक हैं जिनसे यह पता चलता हो कि आप समय पर अपने लोन का भुगतान करने में सक्षम हैं, तो लोन देने वाली कुछ कंपनियां कम दरों की पेशकश कर सकती हैं। पर्सनल लोन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क यानी फीस प्रोसेसिंग शुल्क, लोन के लिए आवेदन, यानी अप्लाई करते समय पर्सनल लोन से जुड़े शुल्क होते हैं। जैसे, क्रेडिट चेक और आपके लोन आवेदन को प्रोसेस करने के लिए किए गए अन्य संबंधित खर्च। इन प्रोसेसिंग शुल्कों की लागत लोन राशि का 0.5% से 3% तक हो सकती है, लेकिन मोटे तौर पर आपको जारी शुरुआती लोन रकम या यह 1% और 2% के बीच कुछ भी हो सकता है। पर्सनल लोन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क आमतौर पर लोन स्वीकृति के समय लिया जाता है, जिसका अर्थ है कि आपको हर बार एक नया भुगतान करने के बजाय केवल एक बार इस शुल्क का भुगतान करना होगा। सत्यापन यानी वेरिफिकेशन शुल्क बैंक को आपकी पहचान को सत्यापित, यानी वेरीफाई करने की जरूरत पड़ती है, क्योंकि अगर उनके पास सबूत होगा कि वास्तव में आपने ही अपने नाम से लोन लिया है। ऐसे में कुछ गलत हो जाने पर लोन देने वाली कंपनी के लिए आपसे पैसे की वसूली करना आसान होगा. जब आप अपने लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। अगर इन पर्सनल लोन शुल्कों का भुगतान करने में कोई देरी होती है, तो संभावना है कि इसके परिणामस्वरूप स्वीकृत होने में भी देरी हो सकती है। प्रीपेमेंट शुल्क अगर आप अपने लोन की अवधि समाप्त होने से पहले उसका भुगतान कर देते हैं, तो आपसे प्रीपेमेंट शुल्क लिया जा सकता है। प्रीपेमेंट शुल्क की राशि और इसे लागू करने का समय, लोन देने वाली कंपनी और लोन बंद होने के समय पर निर्भर करेगा। इन पर्सनल लोन शुल्कों की गणना, यानी कैलकुलेशन आमतौर पर उस राशि के प्रतिशत के रूप में की जाती है जिसे आप जल्दी चुका रहे हैं। इसलिए, अगर यह केवल कुछ हजार रुपये हैं जिनसे आप जल्दी छुटकारा पाना चाहते हैं, तो यह खर्च ज्यादा नहीं होगा। हालांकि कुछ बैंक अपने ग्राहकों से प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लेते हैं। डुप्लीकेट स्टेटमेंट चार्जेज डिफ़ॉल्ट रूप से, लोन देने वाला फाइनेंशियल संस्थान अपने उधार लेने वालों को ईएमआई, ब्याज दर, लोन राशि, लोन खाता संख्या जैसी सभी जानकारी के साथ एक विवरण, यानी डिस्क्रिप्शन भेजता है। लोन लेने वालों को इस विवरण को आगे के संदर्भ के लिए सावधानीपूर्वक रखना चाहिए। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति इसे खो देता है, तो लेंडर डुप्लिकेट स्टेटमेंट देने के ऐवज में भी शुल्क ले सकता है। कभी-कभी, आवेदकों को टैक्स के उद्देश्य के लिए ईएमआई ब्रेकअप के विवरण की जरूरत होती है। इसके लिए, लोन देने वाली कंपनियां शुल्क वसूल भी सकती है और नहीं भी। जुर्माना या बाउंस शुल्क ये पर्सनल लोन शुल्क तब लगते हैं जब आपका चेक बैंक द्वारा लौटा दिया जाता है और लोन देने वाली कंपनी को ईएमआई प्राप्त नहीं होती है। भुगतान बाउंस होने का सबसे आम कारण यह है कि आपके खाते में ईएमआई चुकाने की लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। जुर्माना एक तरह का शुल्क या अधिभार है जो आपसे आपके लोन का देर से पुनर्भुगतान के लिए लिया जा सकता है। भारत में, बकाया राशि के आधार पर जुर्माना और साथ ही एक प्रतिशत तय किया जाता है। इन पर्सनल लोन शुल्कों की गणना लोन देने वाली अलग-अलग कंपनियां, अलग-अलग तरह से करती हैं। इसलिए, किसी भी चीज़ के लिए साइन अप करने से पहले अपने बैंक से यह जान लेना महत्वपूर्ण है, वरना आपको फाइनेंशियल परेशानी हो सकती है। फोरक्लोज़र शुल्क अगर उधार लेने वाला नियम और शर्तों के अनुसार लोन वापस नहीं करता है तो फोरक्लोज़र शुल्क लोन देने वाली ज्यादातर कंपनियों द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क है। इन पर्सनल लोन शुल्कों की गणना आमतौर पर आपकी बकाया राशि के प्रतिशत के रूप में की जाती है। प्रीपेमेंट और फोरक्लोज़र शुल्क के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। भुगतान मोड शुल्कों की अदला-बदली अगर आप अपना भुगतान मोड बदलना चाहते हैं या उस बैंक को बदलना चाहते हैं जिससे आपकी ईएमआई काटी गई है, तो बैंक आपसे शुल्क ले सकता है। आप जिस बैंक में स्विच कर रहे हैं, उसके आधार पर यह शुल्क 500 रुपये से लेकर 2,000 रुपये के बीच है। इस तरह के पर्सनल लोन शुल्क नियमों में हुए बदलावों की स्थिति में भी लागू हो सकते हैं। यह वह शुल्क है जिसका आपको भुगतान करना होगा अगर आप केवल अपना भुगतान मोड बदलना चाहते हैं। लोन कैंसल करने का चार्ज अगर, आवेदन की प्रोसेसिंग करने और लोन स्वीकृत करने के बाद, आप इसे नहीं लेने का फैसला लेते हैं, तो कंपनी लोन रद्द करने के लिए मामूली शुल्क लगा सकती है। अगर लोन राशि आपके बैंक खाते में जमा की जाती है, तो यह अपरिवर्तनीय है, यानी यह रिवर्स नहीं हो सकती। ऐसे पर्सनल लोन शुल्क की राशि एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न हो सकती है। यह आमतौर पर 500 रुपये से 1000 रुपये के आसपास होता है। डुप्लीकेट नो ड्यू सर्टिफिकेट चार्ज नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) बैंक द्वारा जारी किया जाने वाला सर्टिफिकेट है जिससे यह कन्फर्मेशन होता है कि लोन की राशि चुका दी गई है। लोन देने वाली कंपनी शुरू में बिना कोई शुल्क लिए यह प्रमाणपत्र जारी करती है। हालांकि, अगर लोन लेने वाला व्यक्ति इसे खो देता है और डुप्लीकेट एनओसी की मांग करता है, तो बैंक इसे पूरा करने के लिए लगभग 500 रुपये का अतिरिक्त शुल्क मांग सकता है। जीएसटी शुल्क दिशानिर्देशों, यानी गाइडलाइन्स के मुताबिक जीएसटी शुल्क सभी प्रकार के शुल्कों पर लागू होते हैं। लोन देने वाली कंपनी द्वारा आपसे लिया गया जुर्माना या शुल्क टैक्स के दायरे में आ सकता है, इसलिए इस पर भी जीएसटी लगेगा। जीएसटी आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल राशि का 18% है, जिसमें कोई भी प्रोसेसिंग शुल्क या अन्य खर्च शामिल हैं जो आपको अपने पर्सनल लोन के लिए चुकाने पड़ सकते हैं। निष्कर्ष याद रखें, पर्सनल लोन पैसे उधार लेने का एक लोकप्रिय तरीका है, और अगर आपके पास कम क्रेडिट है तो यह एक बढ़िया विकल्प, यानी ऑप्शन हो सकता है। लेकिन कोई भी पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको पर्सनल लोन शुल्क को समझ लेना चाहिए। हर चीज़ के ऊपर अचानक कोई शुल्क लगना ऐसी चीज़ है जो आप नहीं चाहेंगे। ऐसे और जानकारी भरे लेख पढ़ने के लिए, पीरामल फायनांस की ऑफिशल वेबसाइट पर जाएँ.

20-06-2024

पर्सनल लोन का पूर्व भुगतान क्या होता है?

हालिया समय में पर्सनल लोन में काफी उछाल देखने को मिला है। ज़्यादा से ज़्यादा लोग पर्सनल लोन ले रहे हैं, खासकर फिनटेक कंपनियों के आने के बाद। नए जमाने की इन वित्तीय कंपनियों के ज़रिए पैसे और लोन की आसान उपलब्धता ने पर्सनल लोन के बाजार को बढ़ा दिया है। अब आप सिर्फ कुछ ही क्लिक पर पर्सनल लोन ले सकते हैं। इसके अलावा, पर्सनल लोन के फ़ायदे इसे किसी भी समय ज़रूरत में पैसे का विकल्प, यानी ऑप्शन बनाते हैं। हालांकि, बहुत से लोग ऐसे लोन का पूर्व भुगतान करना पसंद करते हैं, भले ही बैंक पर्सनल लोन पर पूर्व भुगतान पेनल्टी लगाते हैं। प्रीपेमेंट पेनल्टी क्या होती है? क्या प्रीपेमेंट फायदेमंद है? आइए जानते हैं! पर्सनल लोन का पूर्व भुगतान क्या होता है? पर्सनल लोन कम अवधि वाले लोन होते हैं। अवधि आमतौर पर 1 साल से 5 साल तक होती है। लेकिन कई बार लोग ज़रूरत से ज़्यादा लंबी अवधि के लिए पर्सनल लोन ले लेते हैं। एक बार जब उनका उद्देश्य पूरा हो जाता है और उनके पास पर्याप्त पैसे उपलब्ध होते हैं, तो वे वास्तविक देय तारीख, यानी एक्चुअल ड्यू डेट से पहले अपने लोन चुका देते हैं। इसे पर्सनल लोन के पूर्व भुगतान के तौर पर जाना जाता है। पूर्व भुगतान दो तरह के होते हैं: · आंशिक या आंशिक प्रीपेमेंट: यहां, पर्सनल लोन का सिर्फ एक निश्चित हिस्सा ही प्रीपेड होता है। उदाहरण के लिए, अगर बकाया मूलधन, यानी प्रिंसिपल अमाउंट रु. 5,00,000 और रु. 1,50,000 आप का पूर्व भुगतान करते हैं। तो इसे पर्सनल लोन के पूर्व भुगतान का हिस्सा माना जाएगा। · पूरा प्रीपेमेंट: यहां, लोन की अवधि खत्म होने से पहले बकाया मूलधन का भुगतान कर दिया जाता है। उदाहरण को जारी रखते हुए, अगर रु. 5,00,000 की पूरी राशि चुकाई जाती है, तो इसे पूरा पूर्व भुगतान माना जाएगा। क्या प्रीपेमेंट और फोरक्लोजर अलग-अलग होते हैं? आपने "फोरक्लोजर" शब्द सुना होगा। प्रीपेमेंट और फोरक्लोजर दो अलग-अलग चीजें हैं। प्रीपेमेंट का इस्तेमाल आमतौर पर पर्सनल लोन के आंशिक प्रीपेमेंट के लिए किया जाता है। लेकिन फोरक्लोजर तब होता है जब बकाया लोन राशि का पूरा भुगतान कर दिया जाता है। लोन की अवधि खत्म होने से पहले लोन खत्म करने के लिए यह कानूनी शब्द है। प्रीपेमेंट फोरक्लोजर का हिस्सा है। फ़ोरक्लोज़िंग का दूसरा तरीका यह है कि जब आप अपने लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करते हैं। कम ब्याज दरों, बेहतर शर्तों आदि के कारण, लोन लेने वाले आमतौर पर अपने लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करते हैं। ऐसे मामले में, दूसरा बैंक मूल बैंक को बकाया राशि का भुगतान करता है। इसके बाद कर्ज लेने वाला अपना कर्ज दूसरे बैंक को चुका देगा। प्रीपेमेंट के फ़ायदे प्रीपेमेंट के कुछ मुख्य फ़ायदे नीचे दिए गए हैं: · लोन खत्म करता है: अगर आप पूरा प्रीपेमेंट करते हैं तो अपने पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करने से आपको अपने लोन को खत्म करने में मदद मिलती है। यहां तक कि अगर आप आंशिक, यानी एडवांस प्रीपेमेंट करते हैं, तो भी आपका कर्ज काफी हद तक कम किया जा सकता है। · ब्याज की बचत: पर्सनल लोन पर ब्याज दर ज़्यादा होती है। अपने पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करने से आपको ब्याज बहुत बड़ी बचत करने में मदद मिल सकती है। पर्सनल लोन की ब्याज दरें 12%-14% से शुरू होती हैं और हर साल 18% तक जा सकती हैं। जैसा कि कहा जाता है, "हर बचाया गया पैसा एक पैसा कमाया जाता है।" अपने पर्सनल लोन का समय से पहले भुगतान करने से आपको ऐसी ज़्यादा ब्याज कीमतों की बचत करने में मदद मिल सकती है, जो इस तरह के ज़्यादा रिटर्न पाने के बराबर हैं। · बेहतर ब्याज दरें: अगर आप अपने पर्सनल लोन को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर करने जाते हैं, तो आप बेहतर ब्याज दर अर्जित कर सकते हैं और अपने पर्सनल लोन पर बेहतर शर्तें पा सकते हैं। यही एकमात्र वजह है कि बहुत से लोग अपने लोन का फोरक्लोजर करते हैं। · अपने क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करें: प्रीपेमेंट आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर सकारात्मक, यानी पॉजिटिव प्रभाव डालता है। अगर आप अपने पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ा सकता है। · भविष्य में लोन के लिए बेहतर अवसर: अगर आप अपना लोन प्रीपेमेंट करते हैं, तो आपकी बाहरी देनदारी कम हो जाती है। इसलिए, यह भविष्य में ज़्यादा क्रेडिट पहुंच के लिए रास्ता बनाता है। लोन लेते समय आपके वर्तमान लोन देनदारियों पर विचार किया जाता है। वे उस लोन की राशि को प्रभावित कर सकते हैं जिसे आप उधार ले सकते हैं या ब्याज दर। आपके हाथों में ज़्यादा डिस्पोजेबल इनकम होने की वजह से आप भविष्य में ज़्यादा लोन राशि का फ़ायदा उठा सकते हैं। पर्सनल लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी अलग-अलग बैंकों में पर्सनल लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी अलग-अलग होती है। ज़्यादातर बैंक केवल एक तय अवधि के लिए ही प्रीपेमेंट शुल्क लगाते हैं। इसके अलावा, प्रीपेमेंट के लिए कोई शुल्क नहीं है। इसके अलावा, आंशिक, यानी एडवांस पुनर्भुगतान और पूरा पुनर्भुगतान के लिए शुल्क अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा, कुछ बैंक पर्सनल लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी माफ कर देते हैं, अगर लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर दिया जाता है। आमतौर पर, प्रीपेमेंट शुल्क प्रीपेड राशि या बकाया मूल राशि के 1% से 4% के बीच होता है। क्या आपको पर्सनल लोन प्रीपेमेंट के लिए जाना चाहिए? पर्सनल लोन प्रीपेमेंट का ऑप्शन चुनने से पहले आपको अलग-अलग कारकों के बारे में सोचने की ज़रूरत होती है। इन कारकों, यानी फैक्टर्स में नीचे दिए गए कारक शामिल हैं: · प्रीपेमेंट पेनल्टी: पर्सनल लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी क्या है जो बैंक चार्ज करने जा रहा है? प्रीपेमेंट करने से पहले आपको इसे समझने की ज़रूरत है। प्रीपेमेंट दंड को जानने के लिए सेंक्शन लेटर या लोन दस्तावेज़ों को देखें। · बकाया मूल राशि: बकाया मूल राशि कितनी है? अगर यह सिर्फ नाम मात्र, यानी नॉमिनल राशि है, तो प्रीपेमेंट से ज़्यादा फ़ायदा नहीं मिलेगा। · वर्तमान ब्याज दर: आप अपने पर्सनल लोन पर वर्तमान ब्याज दर क्या दे रहे हैं? अगर ब्याज दर बहुत ज़्यादा है तो आपको प्रीपेमेंट के बारे में सोचना चाहिए। अन्यथा, आप अपने पास मौजूद अतिरिक्त धन का निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं। · बची हुई अवधि: लोन अवधि कितनी बकाया है? फिर से, अगर प्रीपेमेंट सिर्फ कुछ महीनों या एक साल के लिए है तो यह बहुत फायदेमंद नहीं होगा। · प्रीपेमेंट का तरीका: आप अपने लोन का प्रीपेमेंट कैसे करेंगे? आप अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने पर विचार कर सकते हैं। लेकिन आपको प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क चुकाने होंगे। · अवसर लागत: आपके लोन का प्रीपेमेंट न करने की अवसर लागत वह निवेश अवसर है जिसे आपने खो दिया। इसलिए, प्रीपेमेंट के ज़रिए से आप जो ब्याज बचाते हैं, वह आपके निवेश से अर्जित रिटर्न से ज़्यादा होना चाहिए। निष्कर्ष पर्सनल लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी की वजह से सावधानीपूर्वक, यानी ध्यान से सोचना महत्वपूर्ण हो जाता है, कि प्रीपेमेंट करना है या नहीं। ऊपर दिए गए कारकों के बारे में सोचने से वही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। ज़्यादा उपयोगी जानकारी के लिए अभी पीरामल फायनांस की ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं!

20-06-2024

पर्सनल लोन में मोरेटोरियम पीरियड क्या है और क्या आपको इसे लेना चाहिए?

अगर आपके पास कम पैसे हैं और कोलैटरल के लिए भी कुछ नहीं है, तो आप क्या करते हैं? जी हां, ऐसी स्थिति में पर्सनल लोन बेहद कारगर, यानी असरदार साबित होता है। लेकिन एक समस्या है! पर्सनल लोन में आमतौर पर ब्याज दर ज्यादा होती है। और आपको लोन का पैसा मिलते ही मासिक भुगतान शुरू करना होगा। इस लोन को लेने के बावजूद आपके लिए खर्च को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि लोन अपने आप में एक बड़ी देनदारी बन जाता है! यहीं पर पर्सनल लोन में मोरेटोरियम पीरियड का कांसेप्ट काम में आती है। लोन पर मोरेटोरियम पीरियड किश्तों के भुगतान से एक राहत देता है। यह आपको एक गंभीर फाइनेंशियल संकट से निपटने में मदद कर सकता है। वास्तव में, इस अवधारणा को भारत में कविड-19 लॉकडाउन के दौरान फाइनेंशियल स्थिरता लाने के लिए पेश किया गया था। हालांकि, ब्रेक के दौरान ब्याज जमा हो जाता है और मोरेटोरियम के बाद मूलधन बढ़ जाता है! तो, यह दोधारी तलवार वास्तव में क्या है, और आप इसे कब सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकते हैं? हम इस ब्लॉग में इन सवालों को विस्तार से संबोधित करेंगे। चलिए शुरू करें! पर्सनल लोन में मोरेटोरियम पीरियड क्या है? पर्सनल लोन में मोरेटोरियम पीरियड लोन अवधि का समय होता है जिसके दौरान उधार लेने वाले को कोई ब्याज नहीं देना होता है। यह वह समय है जब आपको समान मासिक भुगतानों में लोन वापसी भुगतान शुरू करने से पहले प्रतीक्षा करने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान साधारण ब्याज का उपयोग करके लोन के ब्याज की गणना की जाएगी। और ब्याज की राशि को नए भुगतान शेड्यूल और मोरेटोरियम के बाद की अवधि के लिए मूलधन में जोड़ा जाएगा। लोन कार्य पर मोरेटोरियम कैसे काम करता है? भारतीय रिजर्व बैंक पर्सनल लोन और टर्म लोन पर 6 महीने की मोहलत की अनुमति देता है, जिसके दौरान उधार लेने वाला कोई भुगतान नहीं कर सकता है। कोविड-19 के कारण होने वाली आय अनिश्चितता के जवाब में आरबीआई द्वारा 2020 में मोरेटोरियम को वैध बनाने का कदम उठाया गया था। मोरेटोरियम के दौरान, लोनदाता इस अवधि के लिए प्रस्तावित राशि पर साधारण ब्याज लगाकर लोन के ब्याज की गणना करता है। मोरेटोरियम के दौरान आपके लोन पर लगाया गया ब्याज मूल राशि में जोड़ा जाएगा। इस ईएमआई अवकाश के समाप्त होने के बाद, आपको अपनी ईएमआई का भुगतान निवल, यानी नेट राशि पर करना होगा। इस राशि में संचित ब्याज और मूल राशि शामिल है। 11% प्रति वर्ष की ब्याज दर और 2 साल की मोहलत के साथ जारी की गई 1 लाख रुपये की लोन राशि का उदाहरण लेते हैं। इस मामले में, प्रति वर्ष 11,000 रुपये का कुल ब्याज दो साल के लिए जमा हो जाएगा, जिससे मोरेटोरियम के अंत में कुल 1,22,000 रुपये की राशि बन जाएगी। ब्याज और ईएमआई की गणना इस राशि के आधार पर की जाएगी, मूल 1 लाख के आधार पर नहीं। लोन मोरेटोरियम का विकल्प चुनने के फायदे लोन मोरेटोरियम आपको अपने पर्सनल लोन पर ईएमआई का भुगतान शुरू करने से पहले एक ब्रेक प्रदान करता है। अगर आप वर्तमान में फाइनेंशियल कठिनाइयों से गुजर रहे हैं लेकिन किसी भी प्रकार के बड़े खर्च के लिए धन की जरुरत है तो यह इसे एकदम सही बनाता है। हालांकि, इस ब्रेक के अंत में कुल बकाया राशि ज्यादा होगी। इसलिए, आपको अंततः बड़ी ईएमआई का भुगतान करने में यानी काबिल होना चाहिए। आइए मोरेटोरियम के प्रमुख फायदों पर विस्तार से नज़र डालें: · लचीला यानी फ्लेक्सिबल पुनर्भुगतान योजना लोन मोरेटोरियम आपको अपनी अपेक्षित, यानी एक्सपेक्टेड आय और व्यय के अनुसार रणनीतिक तरीके से अपने पुनर्भुगतान की योजना बनाने में मदद करता है। यह आपको धन जमा करने और योजनाबद्ध, यानी प्लैन्ड तरीके से पुनर्भुगतान शुरू करने में मदद कर सकता है। इससे आर्थिक और मानसिक तनाव दूर होता है। · उधार लेने की क्षमता पर कोई नकारात्मक यानी नेगेटिव प्रभाव नहीं लोन मोरेटोरियम आपके क्रेडिट स्कोर या भविष्य की उधार लेने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं करेगा। लेकिन ऐसे नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आपको अंतिम किश्तों का समय पर भुगतान करने में सक्षम होना चाहिए। · तरलता संकट यानी लिक्विडिटी क्रायसिस के दौरान मदद करता है मोरेटोरियम का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह आपकी फाइनेंशियल देनदारियों में देरी करता है। इसलिए, आय में एक अस्थायी नुकसान आपको फाइनेंशियल संकट में नहीं डालेगा। लोन पर लोन मोरेटोरियम की कमियां एक लोन मोरेटोरियम की भी कुछ प्रमुख सीमाएं और सावधानियां हैं। यहां पर्सनल लोन पर मोरेटोरियम की मुख्य कमियां हैं: · कोई छूट नहीं ईएमआई अवकाश आपकी देनदारियों को कम नहीं करता है। इसके बजाय, यह विराम अवधि से ब्याज जोड़ता है और कुल मूलधन को बढ़ाता है। यह किश्तों को बाद की तारीख के लिए टालकर केवल अस्थायी रूप से आपकी मदद करता है। · बढ़ी हुई लोन अवधि ईएमआई ब्रेक अस्थायी है और आपके लोन की अवधि बढ़ा देता है। यह लंबे समय में बहुत ज्यादा कर्ज का कारण बन सकता है और भविष्य के लिए आपकी योजनाओं को विफल कर सकता है। · भुगतान का अचानक बोझ छूटी हुई ईएमआई से अल्पावधि, यानी शार्ट-टर्म राहत अचानक तब समाप्त हो जाती है जब लोन मोरेटोरियम समाप्त हो जाता है। ब्याज का बकाया भारी भुगतान के बोझ को बढ़ा देता है। और यह आपको गंभीर फाइनेंशियल संकट में डाल सकता है जब तक कि आपने पहले से सही योजना नहीं बनाई हो। मोरेटोरियम पीरियड के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न अगर आपको अभी भी पर्सनल लोन मोरेटोरियम के बारे में कोई संदेह है, तो सामान्य प्रश्नों के इन उत्तरों को देखें: · क्या बैंक मोरेटोरियम सुविधा के लिए विलंबित भुगतान शुल्क लेगा? नहीं। मोरेटोरियम के दौरान लोन पर लेट पेमेंट चार्ज नहीं लगाया जाएगा। · कौन से लोनदाता भारत में मोरेटोरियम पीरियड की पेशकश कर सकते हैं? किसी भी वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक या गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी द्वारा मोरेटोरियम पीरियड की पेशकश की जा सकती है। · क्या ईएमआई टालने से मेरे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा? नहीं। ईएमआई मोरेटोरियम किसी भी तरह से क्रेडिट स्कोर को प्रभावित नहीं करेगा। · क्या मोरेटोरियम में मूलधन और ब्याज दोनों राशि शामिल होती है? हां, मोरेटोरियम में ब्याज के साथ-साथ ईएमआई का मूल घटक भी शामिल होता है। · क्या क्रेडिट कार्ड भुगतान मोरेटोरियम के अंतर्गत आते हैं? नहीं। क्रेडिट कार्ड एक रिवॉल्विंग क्रेडिट प्रकार के अंतर्गत आते हैं। इसलिए, वे मोरेटोरियम के अंतर्गत नहीं आते हैं। · क्या मैं अपने लोन के मोरेटोरियम पीरियड को रद्द कर सकता हूं? हां। रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आप अपने बैंक से संपर्क करके आसानी से अपनी ईएमआई मोरेटोरियम को रद्द कर सकते हैं। · क्या मोरेटोरियम के दौरान ब्याज माफ कर दिया गया है? नहीं। लोन पर मोरेटोरियम पीरियड किश्तों के भुगतान से एक अस्थायी विराम है, लेकिन उस अवधि के दौरान ब्याज अर्जित होता है और मूलधन में जुड़ जाता है। निष्कर्ष अगर आप फाइनेंशियल दबावों से अस्थायी राहत चाहते हैं तो मोरेटोरियम आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन आपको मोरेटोरियम खत्म होने के बाद पैसा पाने और समय पर भुगतान करने की योजना बनानी चाहिए और उसे पूरा करना चाहिए। इसके अलावा, मोरेटोरियम लोन को सामान्य पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा भुगतान की जरुरत हो सकती है क्योंकि ब्रेक के दौरान ब्याज अर्जित होता है। इसलिए, आपको उनके लिए तभी जाना चाहिए जब आप अस्थायी रूप से गंभीर फाइनेंशियल कठिनाइयों का सामना कर रहे हों और भविष्य में वापसी की मजबूत योजना बना रहे हों! क्या आप अपने पर्सनल लोन पर मोरेटोरियम पीरियड का विकल्प चुनने के लिए तैयार हैं? आप किसी भी भारतीय फाइनेंशियल संस्थान से संपर्क कर सकते हैं और उनकी प्रक्रियाओं के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप अपने वित्त की पूरी तरह से योजना नहीं बनाते हैं तो मोरेटोरियम प्रणाली जोखिम भरी हो सकती है। इसलिए, आपको हमेशा एक अनुभवी और भरोसेमंद बैंक या एनबीएफसी को प्राथमिकता देनी चाहिए। एक उदाहरण पिरामल फायनांस है, जो विशेषज्ञ की मदद से आपको सर्वोत्तम मोरेटोरियम लोन दिलाने में मदद करता है।

20-06-2024

अगर लोनदार की मौत हो जाती है तो पर्सनल लोन का क्या होता है?

कोई भी अपनी कभी ना खत्म होने वाली ख़्वाहिशों को पूरा करने के लिए पैसा उधार नहीं लेना चाहता। फिर भी, आपातकालीन परिस्थितियों, यानी इमरजेंसी सिचुएशन में लोगों को अपनी आर्थिक ज़रूरतें पूरी करने के लिए बाहरी मदद लेनी पड़ती है। कुछ लोगों को अपनी पढ़ाई के लिए पैसे उधार लेने पड़ते हैं, तो कुछ को अन्य लोन को चुकाने के लिए लोन लेना पड़ता है। जल्द भुगतान और आसान प्रक्रियाओं की वजह से पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन लोन लेने वाले की मौत के बाद पर्सनल लोन का क्या होता है? पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होते हैं जो कॉलेटेरल के आधार पर नहीं दिए जाते। पर्सनल लोन लेने के लिए आकर्षक सिबिल स्कोर ज़रूरी होता है। नतीजतन, यह सवाल चारों ओर मंडराता है कि जब किसी लोनदार की मौत हो जाती है, तो बैंकों को उनका पैसा कैसे वापस मिलता है। यह लेख विषय के बारे में ज़रूरी विवरणों की व्याख्या करके इन सवालों के जवाब देता है। पर्सनल लोन और उधारकर्ता की मौत के बारे में ज़्यादा जानने के लिए पढ़ना जारी रखें। ज़्यादा से ज़्यादा लोग पर्सनल लोन क्यों लेते हैं? फाइनेंशियल ज़रूरतें अक्सर आती जाती हैं। सरल भुगतान के अलावा कई अन्य कारक पर्सनल लोन को उधारकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बनाते हैं। 1. तेज प्रोसेसिंग: लोगों के पर्सनल लोन लेने की एक मुख्य वजह पैसे का तेज प्रोसेस होना है। बैंक आमतौर पर 24 से 48 घंटों के भीतर उधारकर्ता के खाते में पैसा जमा कर देते हैं। 2. पाना आसान है: पर्सनल लोन अन्य लोन के मुकाबले बहुत ज़्यादा डॉक्यूमेंटेशन की ज़रूरत नहीं होती है, जिससे लोगों के लिए उनका फ़ायदा उठाना आसान हो जाता है। आपको सिर्फ पहचान प्रूफ, आईटीआर विवरण, पता प्रूफ और आय प्रूफ जैसे दस्तावेज़ जमा करने होते हैं। 3. Competitive Interest Rates: Borrowing personal loans has become easier as various banks are now offering them. Many lenders provide them at attractive interest rates, giving borrowers a chance to apply for the lowest one. 3. प्रतिस्पर्धी, यानी कॉम्पिटिटिव ब्याज दरें: पर्सनल लोन लेना आसान हो गया है क्योंकि अलग-अलग बैंक अब इसकी पेशकश कर रहे हैं। कई लोनदाता उन्हें आकर्षक ब्याज दरों पर लोन देते हैं, जिससे उधारकर्ताओं को सबसे कम दर के लिए आवेदन करने का मौका मिलता है। 4. सरल पुनर्भुगतान प्रक्रिया: पर्सनल लोन चुकाना आसान होता है, जिससे यह कई लोगों का पसंदीदा बनता है। खरीदार आराम और सहजता के आधार पर पुनर्भुगतान अवधि एक साल से पांच साल तक चुन सकता है। 5. बहुउद्देश्यीय, यानी मल्टी-पर्पस: अन्य लोन के मुकाबले, जैसे होम लोन या कार लोन, पर्सनल लोन उधारकर्ता को किसी खास उद्देश्य, यानी कारण के लिए पैसे का करने पर प्रतिबंध नहीं लगाते। इसके मुकाबले इन लोन का इस्तेमाल किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। कई उधारकर्ता लोन को समेकित करने के लिए भी लोन के पैसे का इस्तेमाल करते हैं। उधारकर्ता की मौत होने पर पर्सनल लोन का क्या होता है? पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होते हैं। नतीजतन, उधारकर्ता के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर लोनदाता लोन राशि की वसूली के लिए सामान की नीलामी नहीं कर सकते। इसके अलावा, अनसिक्योर्ड लोन के मामले में परिवार के सदस्यों को पैसे चुकाने के लिए भी नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, अगर लोनदार की मौत हो जाती है तो लोनदाता पर्सनल लोन के लिए कई उपाय कर सकता है: · कभी-कभी, पर्सनल लोन में सह-आवेदक होता है। अगर उधारकर्ता की मौत हो गई है और आवेदन में सह-हस्ताक्षरकर्ता, यानी को-सिगनटोरी है, तो बैंक को इस सह-हस्ताक्षरकर्ता से लोन राशि वसूलने का अधिकार है। · अगर उधारकर्ता ने जीवन बीमा करा रखा है, तो पर्सनल लोन के पुनर्भुगतान के लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार होती है। · अगर उधारकर्ता का कानूनी उत्तराधिकारी, यानी लीगल हेयर खुद से सह-आवेदक, यानी को-एप्लिकेंट बन जाता है और लोन चुकाने के लिए सहमत हो जाता है, तो बैंक को कानूनी उत्तराधिकारी से राशि वापस मिल जाती है। हालांकि, बैंक उत्तराधिकारी को राशि चुकाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। · अगर ऊपर बताए गए तरीकों में से कोई भी बैंकों के पक्ष में काम नहीं करता है, तो लोनदाता राशि को राइट-ऑफ करके एनपीए खाते में डाल दिया जाता है। उधारकर्ता की मौत के बाद पर्सनल लोन को चुकाना उधारकर्ता की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद परिवार या उधारकर्ता के सह-आवेदक को लोन की अदायगी के लिए ज़रूरी कदमों की जानकारी होनी चाहिए। · उधारकर्ता के निधन के बाद परिवार के किसी सदस्य या सह-हस्ताक्षरकर्ता को सामान्य शर्तों पर जारी लोन चुकाने से बचने के लिए बैंक को मौत के बारे में सूचना करना ज़रूरी होता है। · अगर आप सह-आवेदक हैं, तो सूचित करने के बाद, आप पुनर्भुगतान के लिए जिम्मेदार होंगे। दूसरी ओर, अगर आप परिवार के सदस्य हैं, तो आप लोनदाता से राशि का निपटान करने का अनुरोध कर सकते हैं। · अगले चरण में, बैंक जांच करेगा कि उधारकर्ता के पास बीमा पॉलिसी है या नहीं। पॉलिसी होने पर बीमा कंपनी, लोनदाता को लोन राशि का वापस भुगतान करना होगा। · अगर उधारकर्ता के पास कोई बीमा नहीं था, तो बैंक इसकी जांच करता है कि क्या उधारकर्ता ने अपने कानूनी उत्तराधिकारी के लिए कोई धन या संपत्ति छोड़ी है। अगर हां, तो बैंक लोन की राशि की वसूली के लिए मुकदमा दायर कर सकता है। · अगर फिर भी लोन राशि बैंक को पूरी तरह से चुकाया नहीं जाता है, तो यह लोन को एनपीए खाते में डालने की प्रक्रिया करता है। निष्कर्ष मौत अवश्यम्भावी, यानी निष्चित है और मौत का समय अनिश्चित है। हालांकि, जब पर्सनल लोन लेने वाले की मौत हो जाती है, तो लोन चुकाने की प्रक्रिया बदल जाती है। चूंकि पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होते हैं, इसलिए बैंक अपना पैसा वापस पाने के लिए व्यक्ति की सामान या संपत्ति की नीलामी नहीं कर सकते। हालांकि, अगर कोई सह-आवेदक है, तो उसे पुनर्भुगतान के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सह-हस्ताक्षरकर्ता नहीं होने की स्थिति में बीमा कंपनी राशि वापस करने की जिम्मेदारी वहन करती है। फिर भी, अगर मौत के समय उधारकर्ता के पास सक्रिय बीमा पॉलिसी नहीं थी, तो बैंक अंततः एनपीए खाते में लोन को बट्टे खाते में डाल देता है और लोन के अमाउंट की राइट-ऑफ कर देता है. पर्सनल लोन लेते समय, राशि का भुगतान करते समय किसी भी गलतफहमी और गैर-ज़रूरी बोझ से बचने के लिए लोन की शर्तों को पढ़ना ज़रूरी है। पर्सनल लोन उधारकर्ता की मौत परेशानी भरा हो सकता है। नतीजतन, हमेशा ऐसा बैंक चुनना बेहतर होता है जो अपने नियमों और शर्तों के बारे में पारदर्शी हो। ऐसे और लेख पढ़ने के लिए पीरामल फायनांस की वेबसाइट पर जाएं।

20-06-2024

पर्सनल लोन का रिफाइनेंस – यह क्या है और इसे कैसे पाएं

क्या अपने पर्सनल लोन का रिफाइनेंस करना संभव है? अगर आपका जवाब ‘हां’ है, तो आप सही हैं। पर्सनल लोन का रिफाइनेंस करना सबसे अच्छा फैसला है। इससे आपको न सिर्फ लोन को मैनेज करने में मदद मिलती है, बल्कि लंबे समय में ब्याज दरों पर पैसा भी बचता है। अपने पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने की प्रक्रिया और फायदों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें। पर्सनल लोन का रिफाइनेंस क्या है? आपके पर्सनल लोन को रिफाइनेंस कराने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि आप कम ब्याज दर, लंबी पुर्नभुगतान अवधि, या अलग मासिक भुगतान राशि की तलाश कर रहे हों या फिर हो सकता है कि आप सिर्फ लोनदाताओं को बदलना चाह रहे हों।रिफाइनेंस के लिए आपके जो भी कारण हों, लेकिन इसकी प्रक्रिया और इसके विवरण को समझना महत्वपूर्ण है। पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने का मतलब आपके मौजूदा लोन के भुगतान के लिए एक नया लोन लेना होता है। इस नए लोन की शर्तें आपके मूल लोन से अलग होंगी, यही कारण है कि फैसला लेने से पहले कई लोनदाताओं के ऑफर की तुलना करना ज़रूरी होता है।जब आप अपने पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करते हैं, तो इसकी आवेदन प्रक्रिया, यानी एप्लीकेशन प्रोसेस लगभग आम तौर पर मूल लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया जैसी ही होती है। जिसका मतलब है कि फाइनेंशियल जानकारी जमा करना और क्रेडिट चेक करना। मंजूरी मिलने के बाद आप एक नए लोन समझौते पर सिग्नेचर करेंगे और अपने नए लोन का भुगतान करना शुरू करेंगे।एक बात का ध्यान रखें कि पर्सनल लोन आम तौर पर अनसिक्योर्ड होते हैं, यानी इन्हें कार या होम लोन की तरह कोलेट्रल पर नहीं लिया जा सकता। इसलिए, सिक्योर्ड लोन को रिफाइनेंस करने की तुलना में एक अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करना ज्यादा मुश्किल हो सकता है। हालांकि, अगर आप अलग-अलग लोनदाताओं के ऑफर की तुलना करते हैं, तो आपको बेहतर ऑफर मिलना संभव है। पर्सनल लोन का रिफाइनेंस कैसे कराएं अगर आप अपने पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातें जाननी चाहिए। सबसे पहले, पर्सनल लोन का रिफाइनेंस क्या होता है? पर्सनल लोन रिफाइनेंस तब होता है जब आप अपने मौजूदा लोन का भुगतान करने के लिए अलग शर्तों वाला एक नया लोन लेते हैं। ऐसा कई वजहों से किया जा सकता है, जैसे कि कम ब्याज दर पाने, आपके लोन की अवधि बढ़ाने, या कई लोन को एक में समेकित करने के लिए। पर्सनल लोन को रिफाइनेंस कराने के बारे में सोचते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि आप अपने मौजूदा लोन की शर्तों और उसके पुनर्भुगतान के शेड्यूल के तरीके को समझते हैं। अगर आपके पास अच्छा क्रेडिट है, तो आप रिफाइनेंस के ज़रिए कम ब्याज दर पाने के लिए योग्य हो सकते हैं। आपको अपने मौजूदा लोन की तुलना में नए लोन से जुड़े शुल्क और शुल्कों की तुलना भी करना चाहिए।कई लोनदाताओं के ऑफर की तुलना करने से शुरुआत करें। एक बार जब आपको सही ऑफर मिल जाए, तो लोन के लिए आवेदन करें और जरूरी दस्तावेज मुहैया, यानी प्रोवाइड कराएं। मंजूरी मिलने के बाद, कागजी कार्रवाई पर सिग्नेचर करें और अपने नए लोन का भुगतान करना शुरू करें। पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने के फायदे और नुकसान पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। इसके कुछ फायदों में कम ब्याज दर पाना, लोन अवधि बढ़ाने की क्षमता और आपके क्रेडिट स्कोर में संभावित सुधार शामिल हैं। दूसरी ओर, कुछ संभावित नुकसानों में रिफाइनेंस के लिए शुल्क का भुगतान करना, आपके मूल लोन की किसी विशेष सुविधा या फायदे को खोना और ज्यादा मासिक भुगतान करना शामिल हैं। पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने का फैसला करने से पहले, आपको इसके फायदों और नुकसानों दोनों को समझना चाहिए। इस तरह अपने और अपनी फाइनेंशियल स्थिति के मुताबिक जानकारी भरा सही फैसला ले सकेंगे। पर्सनल लोन का रिफाइनेंस करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें अगर आप अपने पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले कुछ बातों के बारे में सोचना चाहिए। अपने लक्ष्यों के आधार पर आप रिफाइनेंस से पैसे बचाने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन यह हमेशा सही कदम नहीं होता है। पर्सनल लोन को रिफाइनेंस करने से पहले यहां दी गई बातों पर ध्यान देना चाहिए: -आपकी मौजूदा ब्याज दर: अगर आप रिफाइनेंस से कम ब्याज दर पा सकते हैं, तो इसके बारे में सोच जा सकता है। हालांकि, अगर आपकी मौजूदा दर पहले से ही कम है, तो इससे बहुत ज़्यादा फर्क नहीं पड़ सकता है।-आपके नए लोन की शर्तें: अपने वर्तमान लोन के साथ नए लोन की शर्तों की तुलना जरूर करें। लोन की अवधि बढ़ाकर आपको कम मासिक भुगतान मिल सकता है, लेकिन आप समय के साथ ज्यादा ब्याज का भुगतान करेंगे।-रिफाइनेंस से जुड़ा कोई भी शुल्क: कुछ लोनदाता पर्सनल लोन को रिफाइनेंस के लिए शुल्क लेते हैं। इन शुल्कों की तुलना करना सुनिश्चित करें, ताकि आप जान सकें कि रिफाइनेंस आपके लिए मायने रखता है या नहीं।-आपका क्रेडिट स्कोर: जब आप रिफाइनेंस करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर आपकी दी जाने वाली ब्याज दर को प्रभावित करेगा। अगर आपने अपना मूल लोन लेने के बाद से अपने स्कोर में सुधार किया है, तो आप रिफाइनेंस के ज़रिए बेहतर सौदा पाने में सक्षम हो सकते हैं। पर्सनल लोन के ऑफर की तुलना कैसे करें जब आप पर्सनल लोन ले रहे हों, तो कई लोनदाताओं के ऑफर की तुलना करना महत्वपूर्ण होता है। शुरुआत हर लोनदाता के ब्याज दर और शुल्क देखने से करें। आपको लोन की अवधि और मासिक भुगतान राशि जैसी पुनर्भुगतान की शर्तों के बारे में भी सोचना चाहिए। पर्सनल लोन की सबसे अच्छी डील पाने के लिए आपको उपलब्ध कई लोनदाताओं के ऑफर की तुलना करनी होगी। यहां बताया गया है कि पर्सनल लोन ऑफर की तुलना कैसे करें:1. ब्याज दर और शुल्क देखें पर्सनल लोन के ऑफर की तुलना करते समय आपको सबसे पहले हर लोनदाता के लिए जाने वाले ब्याज दर और शुल्क को देखना चाहिए। एक तरह की चीज़ की तुलना समान चीज़ से करें, ताकि आप एक ही तरह के लोन को समान शर्तों के साथ देख सकें। 2. रिफाइनेंस की शर्तों पर विचार करें पर्सनल लोन के ऑफर की तुलना करते समय विचार करने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण कारक पुनर्भुगतान की शर्तें हैं। आपको लोन की अवधि और मासिक भुगतान राशि जैसी चीज़ों के बारे में सोचना चाहिए। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आपके बजट के लिए कौन सा लोन सही है।3. उपलब्ध लोनदाताओं और ऑफ़र की तुलना करें पर्सनल लोन पर एक बड़ी डील खोजने का सबसे अच्छा तरीका उपलब्ध कई लोनदाताओं के ऑफर की तुलना करना है। अपना शोध करके आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको अपने लोन पर सबसे अच्छी संभव दर मिले। निष्कर्ष अगर आप हर महीने गुज़ारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं या आप अपने लोन को समेकित करने की उम्मीद कर रहे हैं, तो पर्सनल का लोन रिफाइनेंस आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। आसपास के विकल्पों को देखकर और दरों की तुलना करके आप एक ऐसा पर्सनल लोन पा सकते हैं जो आपकी ज़रूरतों के मुताबिक हो और आपको पैसे बचाने में मदद करता हो। बस अपना शोध जरूर करें, ताकि लोन पेपर पर सिग्नेचर करने से पहले आप अपने लोन की शर्तों को समझ सकें। अपने होम लोन को रिफाइनेंस करना मुश्किल प्रक्रिया नहीं है। हमारे सुझावों का पालन करें और पता करें कि आज आप पीरामल फायनांस के साथ रिफाइनेंस करके हजारों डॉलर कैसे बचा सकते हैं!

20-06-2024