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ऑनलाइन आधार को पैन से किस तरह जोड़ा जा सकता है: चरण-दर-चरण मार्गदर्शन करने वाली सूचना-पुस्तिका

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19-12-2023
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आधार को पैन से जोड़ना बहुत जरूरी है। आधार पैन से न जुड़ा होने पर आयकर रिटर्न खारिज कर दिया जाएगा। अगर उपयोगकर्ता 50,000 रुपए से अधिक का धन हस्तांतरण करना चाहते हैं, तो उनका पैन उनके आधार से जुड़ा होना चाहिए।

पैन को आधार से जोड़ना बहुत सरल है और यह कई प्रकार से किया जा सकता है। इस लेख में जानें कि किस तरह आधार को पैन से ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है।

आधार से पैन को जोड़ने की अंतिम समय सीमा

भारत सरकार ने आधार को पैन से से जोड़ने की समय सीमा 31 मार्च 2023 बढ़ा दी है। पहले यह समय सीमा 31 मार्च 2022 तक थी।

सेंट्रल डायरेक्ट टैक्स बोर्ड ने घोषणा की है कि समय सीमा का पालन करते हुए पैन को आधार से नहीं जोड़ने पर 1 अप्रैल 2022 से अर्थदंड के लिए तैयार रहना चाहिए।

30 जून 2022 तक पैन और आधार को जोड़ने पर 500 रुपए का अर्थदंड लगेगा। 1 जुलाई 2022 के बाद आधार और पैन को जोड़ने पर 1,000 रुपए का अर्थदंड लगेगा।

आधार और पैन को जोड़ने का महत्‍व

नीचे बताए गए कारणों से सभी पैन धारकों के लिए आधार और पैन को जोड़ना जरूरी है :

  • इससे एक व्यक्ति एक से अधिक पैन नहीं रख पाएगा।
  • आधार और पैन को जोड़ने से आयकर कार्यालय किसी भी कर चोरी का आसानी से पता लगा सकेगा।
  • आयकर रिटर्न दाखिल करना आसान हो जाएगा क्योंकि लोगों को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने का प्रमाण नहीं देना होगा।
  • आधार और पैन जुड़ जाने पैन निरस्त नहीं होगा।

आधार और पैन को जोड़ना जरूरी क्यों है

पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे विशिष्ट पहचान पत्रों की पंजीकरण और पहचान सत्यापन के लिए जरूरत होती है। सरकार ने सभी फर्मों को आधार और पैन जोड़ने की सलाह दी है। इस कार्रवाई के पीछे उद्देश्‍य निम्नलिखित हैं:

  • कर चोरी से निपटना

आधार और पैन को जोड़ने से सरकार किसी विशिष्ट व्यक्ति या कंपनी की कर योग्य गतिविधि की निगरानी कर सकेगी और उनका आधार उनकी पहचान और निवास प्रमाण पत्र के तौर पर काम करेगा। इसका मतलब यह है कि इससे सरकार हर कर योग्य व्यापार या गतिविधि पर नज़र रख पाएगी।

फलस्‍वरूप, लंबे समय तक कर चोरी नहीं चल पाएगी। यह इसलिए संभव होगा क्‍योंकि सरकार के पास पहले से ही सभी वित्तीय क्रियाकलापों का आद्योपांत विवरण होगा जिससे प्रत्येक फर्म को कर चुकाना की होगा। 

  • कई पैन कार्ड 

पैन और आधार को जोड़ने के पीछे एक और कारण है। इससे लोग सरकार को धोखा देने के लिए कई पैन नहीं रख पाएंगे।

अभी कोई इकाई एक से अधिक पैन के लिए आवेदन कर किसी विशिष्ट आर्थिक परिचालन और संबंधित करों के लिए एक पैन कार्ड का उपयोग करती है। दूसरे पैन का उन लेन-देनों या लेखों के लिए उपयोग करती है जिन्हें वह आयकर विभाग से छिपा कर रखना चाहती है ताकि वह उन पर कर का भुगतान करने से बच सके। 

अब सरकार आधार के माध्यम से व्यक्ति या इकाई की पहचान कर सकेगी और आधार से जुडे़ पैन के माध्यम से सभी लेन-देनों का रिकॉर्ड रख सकेगी। सरकार एक ही नाम से पंजीकृत कई डुप्लीकेट पैन की पहचान कर उचित कार्रवाई कर सकेगी। 

आधार से पैन को किन तरीकों से जोड़ा जा सकता है.

आधार से पैन को जोड़ने के दो तरीके हैं, जो इस प्रकार हैं:

आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्‍यम से

  1. एसएमएस के माध्‍यम से 

आधार और पैन को जोड़ने के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट की सहायता ली जा सकती है 

पैन को आधार से ऑनलाइन जोड़ने का तरीका नीचे बताया गया है। भारत सरकार के आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट की सहायता से आधार और पैन को जोड़ने की प्रक्रिया इस तरह है। 

चरण 1 

आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं। 

चरण 2 

आपको एक 'क्विक लिंक' बटन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने के बाद 'लिंक आधार' का विकल्प चुनें। 

चरण 3 

उपरोक्‍त चरण पूरा हो जाने पर एक पॉप-अप संदेश आएगा, जिसमें कहा जाएगा कि भुगतान की जानकारी की पुष्टि हो गई है। 'जारी रखें' विकल्प चुनकर आगे बढ़ें। 

चरण 4 

जिस वेबसाइट पर आपको भेजा जाएगा, उसमें आपको अपना पैन और आधार नंबर दर्ज करना होगा। इस चरण के अंत में 'मान्य करें' बटन पर क्लिक कर यह प्रक्रिया जारी रखें। 

चरण 5

आधार नंबर, पैन नंबर, और आधार कार्ड पर दिया गया नाम दर्ज करें। इसके पीछे दो चेक बॉक्स भी होंगे। एक में पूछा जाएगा कि आधार नंबर में जन्मतिथि है या नहीं, और दूसरा आधार को मान्य करने के लिए अपनी सहमति देने का अनुरोध करेगा। अगर यह लागू हो रहा हो, तो विकल्प संख्या एक को चुनें। दूसरे विकल्प में इसे जारी रखने के लिए सटीक लिंक पर क्लिक करने की मांग की जाती है। 

चरण 6 

अगली स्क्रीन पर, अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा गया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) दर्ज करें। इसके बाद 'मान्य करें' विकल्प चुनें। ध्‍यान रखें कि उपरोक्‍त ओटीपी सीधे भारत सरकार के आयकर विभाग की ओर से आता है। 

चरण 7 

आधार-पैन को जोड़ने का अनुरोध अंततः यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के पास दर्ज हो गया है; यह आपसे यह भी कहेगा कि आपको यही स्थिति कुछ दिनों में सत्यापित करनी होगी। अगर आपको यह संदेश मिलता है, तो इसका मतलब है कि आपका अपने आधार को अपने पेन से जोड़ने का अनुरोध सफल हो गया है। 

एसएमएस की सहायता से आधार को पैन से जोड़ने का तरीका 

निम्‍नांकित चरणों का पालन कर एसएमएस की सहायता से आधार से पैन को जोड़ा जा सकता है: 

चरण 1 

UIDPAN <12 अंकों का आधार> <10 अंकों का पैन> प्रारूप में एक संदेश भेजें। 

चरण 2 

आधार से जुड़े मोबाइल नंबर से या तो 56161 या 567678 पर पाठ्य संदेश भेजें।

पैन-आधार को जोड़ने के लिए आधार में किस तरह बदलाव किया जा सकता है? 

पैन को पूरी तरह से आधार से जोड़ने के लिए, आपको सत्यापित करना होगा कि दोनों का डेटा समान है। कुछ मामलों में, आधार का डेटा पैन के डेटा से मेल नहीं खाता है। इस तरह की स्थिति में आधार की अशुद्धियों को कुछ आसान प्रक्रियाओं के साथ ऑफलाइन या ऑनलाइन ठीक किया जा सकता है। पैन को आधार से जोड़ने के लिए किए जाने वाले सुधारों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ना जारी रखें: 

चरण 1 

यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। 

चरण 2 

लॉगिन करने के लिए 12 अंकों का आधार नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें। 

चरण 3

विकल्प के रूप में "ओटीपी" का चयन करें। इसके बाद, लिंक किए गए मोबाइल फोन नंबर पर एक वन-टाइम पासवर्ड (आटीपी) आएगा। ओटीपी को दर्ज कर जारी रखने के लिए 'सबमिट' बटन पर क्लिक करें। 

चरण 4 

अगली स्क्रीन पर, आधार का वह क्षेत्र चुनें जिसे अद्यतन करना है। प्रासंगिक कागजातों की प्रतिलिपि तैयार रखें क्योंकि उन्हें जमा करना अनिवार्य है।

चरण 5  

आवश्यक दस्तावेजों और प्रपत्रों को साझा करने के बाद, एक यूआरएन (अपडेट अनुरोध संख्या) मिलेगा। भविष्य के संदर्भ के लिए आपको इसे नोट कर लेना चाहिए। 

निष्कर्ष 

पैन को आधार से जोड़ना अब जरूरी हो गया है। पैन को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया काफी सरल है। इस लेख में ऊपर पैन को आधार से जोड़ने के दो तरीकों और समय सीमा और सुधार के तरीकों के बारे में चर्चा की गई है। 

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